Friday, August 06, 2010

महंगाई ने मार डाला

केंद्रीय सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थों की एकाएक बढ़ोतरी कर सभी को चोका दिया है डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस की हाल ही में कीमत बढ़ने पर ग्वालियर में इसकी तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। इससे केवल महिलाओं का बजट गड़बड़ाया है बल्कि आम नागरिक भी भरी संकट में गया है।
एक तरफ गृहणियों का कहना है कि एशों-आराम की चीजो की बजाय पेट्रोलियम पदार्थों की बढती कीमतों की वजह से शिक्षा और आम जरूरतों पर अंकुश लगाना पड़ रहा है। वहीँ दूसरी ओर ट्रांसपोर्टर्स का कहना है कि टायरों के रेट बढ़ने के बाद अब डीजल के रेट बढ़ने पर हमारी परेशानी में दुगुना इजाफा हुआ हैं।
अब तो मरना ही हैं
पेट्रोलियम पदार्थ की हुई बढ़त से हम लोगो का घर का बजट पूरी तरह से गड़बड़ा गया है, केंद्रीय सरकार के इस निर्णय से अब हम लोगो तो मरना ही हैं, ये कहना है रेनू बंसल का जो की एक गृहणी है।
इस बढ़त से हमें मजबूरन टेम्पो का किराया-भाडा बढ़ाना पड़ेगा जो हमारे लिए काफी परेशानी खड़ी करने वाला निर्णय होगा। अब क्या करे मजबूरी का नाम महात्मा गाँधी जो है। -युसूफ, टेम्पो चालक
बड़ी बड़ी गाड़ियों और कई टनों सामान उठाने वाले वाहनों के मालिकों का भी यही हाल है। उनका कहना हैं कि केंद्र सरकार के इस कदम ने वास्तव में हमारे लिए परेशानी खड़ी कर दी हैं। पेट्रोलियम पदार्थों की इस प्रकार से बढ़ते दरों से आम नागरिक बहुत ही ज्यादा प्रभावित हुआ है। अब देखना ये है कि आम नागरिक इस परेशानी को कैसे अपने जीवन में उतारता हैं।


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