Monday, August 09, 2010

भू-जल स्थिति पर गहराया संकट

२५ फीसदी छेत्र का जल स्तर ३०० फीट तक पंहुचा
ग्वालियर की भू-जल स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है। पश्चिम छेत्र पूर्णतः सूख चूका है तो पूर्व और मुरार छेत्र में ३०० फीट तक पानी नहीं है। कुछ वर्ष पहेल ये स्थिति थी कि जमीन खोदी और पानी निकलना शुरू हो जाता था लेकिन आज स्थिति पूरी तरह से उलट चुकी है। शहर वासियों ने ये कल्पना भी नहीं कि होगी कि उन्हें ऐसे दिन देखने पड़ेंगे जिसके जिम्मेदार और कोई नहीं शहर की जनता खुद हैं।
शासन के कड़े निर्देश के बावजूद वर्षा के पानी को सुरक्षित करने की अहम् योजना "वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम" के क्रियान्वयन पर स्थानीय प्रशासन का कतई ध्यान नहीं हैं और यह योजना यहाँ के नगर निगम की लापरवाही से ठप्प पड़ी हुई है। नए भवनों में ये सिस्टम निर्माण करवाना नगर निगम का काम है परन्तु लगता है नगर निगम इस सिस्टम को लागू कराने से पल्ला झाड लेने का मन बना चुकी है और इसकी जिम्मेदारी पीएचई विभाग को दे दी है। प्रशासन की इस तू-तू मैं-मैं में आम नागरिक पिस रहा है अब देखना यह है कि पानी कि किल्लत से जूझ रहे नगरवासी को प्रशासन कब तक इस संकट से मुक्ति दिला सकेगा।

No comments:

Post a Comment