Thursday, September 09, 2010

ग्वालियर शीर्ष पर

जी हाँ, आज ग्वालियर प्रथम स्थान पर पहुच गया है, लेकिन किसी प्रतियोगिता या किसी सेवा के चलते नहीं बल्कि यह औदा इसलिए मिला है क्योंकि राज्य के अन्य शहरों की अपेक्षा ग्वालियर आज सबसे ज्यादा प्रदूषित है। यूँ तो ग्वालियर शहर भ्रष्टाचार, अपराध, और नगर प्रशासन की ख़राब व्यवस्था के चलते नंबर एक पर ही रहता है और आज इसी के साथ ही प्रदुषण के सम्बन्ध में भी उसे वही प्रथम स्थान ही हासिल हुआ है जिसका वह हक़दार है। यूँ तो शहर में हर नुक्कड़ पर , हर चौराहे पर आपको गन्दगी और प्रदुषण की मिसाल देते हुए कई उदहारण मिल जायेंगे लेकिन शहर के सबसे व्यस्त रहने वाले मार्गो में ही सबसे ज्यादा गड्ढें और उन मार्गो पर प्रदुषण देखा जा सकता है। ऐसा नहीं है कि प्रशासन के आला अधिकारी इन मार्गो की स्थिति से रूबरू नही है बल्कि इन अधिकारियों का भी उन्ही मार्गो से रोजाना आना-जाना लगा रहता है जिन मार्गों की हम बात कर रहे है। इन मार्गो में मुख्य रूप से चेतकपुरी, गांधी रोड, सिटी सेंटर, अचलेश्वर रोड, दीनदयाल नगर रोड आदि शामिल है। देखा जाये तो दीनदयाल नगर के मुख्य द्वार पर ही प्रदुषण नियंत्रण केंद्र बना हुआ है जो कि ऐसे केन्द्रों की नियमित दिनचर्या को साफ़ उजागर करके उनके अधिकारियों में कार्य करने की गति को साफ साफ़ देखा जा सकता है और आम नागरिक को परेशानियों का सामना किस हद तक करना पड़ता है यह भी साफ़ हो जाता है। इससे साबित होता है कि ग्वालियर का नगर निगम प्रशासन अपने कार्यों के प्रति "कितना सख्त है और कितना ढीला" हैं।

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